नेट की गद्य व पद्य रचनाए

कामायनी की भूमिका(kamayani ki bhumika)

                 ?कामायनी की भूमिका ? ◆ साहित्य में मानवों के आदिपुरुष मनु का इतिहास वेदों से लेकर पुरान और इतिहासों में बिखरा हुआ मिलता है। ◆ श्रद्धा और मनु के सहयोग से मानवता के विकास की कथा को, रूपक के आवरण में, चाहे पिछले काल में मान लेने का वैसा ही प्रयत्न हुआ ...

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बुधिया,माटी की मूरते से (Budhiya,Maatee kee mooraten rekhachitra se)

?माटी की मूरतें(रामवृक्ष बेनीपुरी) ? ◆ श्रीरामवृक्ष बेनीपुरी के विचार  :- ● किसी बड़ या पीपल के पेड़ के नीचे, चबूतरे पर कुछ मूरतें रखी हैं- माटी की मूरतें! ● माटी की मूरतें न इनमें कोई खूबसूरती है, न रंगीनी। ● बौद्ध या ग्रीक रोमन मूर्तियों के हम शैदाई यदि उनमें कोई दिलचस्पी न लें, उन्हें देखते ही मुँह मोड़ ...

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सुभान खाँ,माटी की मूरते से (Subhan khan,,Maatee kee mooraten rekhachitra se)

?माटी की मूरतें(रामवृक्ष बेनीपुरी) ? ◆ श्रीरामवृक्ष बेनीपुरी के विचार  :- ● किसी बड़ या पीपल के पेड़ के नीचे, चबूतरे पर कुछ मूरतें रखी हैं- माटी की मूरतें! ● माटी की मूरतें न इनमें कोई खूबसूरती है, न रंगीनी। ● बौद्ध या ग्रीक रोमन मूर्तियों के हम शैदाई यदि उनमें कोई दिलचस्पी न लें, उन्हें देखते ही मुँह मोड़ ...

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बैजू मामा,माटी की मूरते से (Baiju Mama,Maatee kee mooraten rekhachitra se)

         ?माटी की मूरतें(रामवृक्ष बेनीपुरी) ? ◆ श्रीरामवृक्ष बेनीपुरी के विचार  :- ● किसी बड़ या पीपल के पेड़ के नीचे, चबूतरे पर कुछ मूरतें रखी हैं- माटी की मूरतें! ● माटी की मूरतें न इनमें कोई खूबसूरती है, न रंगीनी। ● बौद्ध या ग्रीक रोमन मूर्तियों के हम शैदाई यदि उनमें कोई दिलचस्पी न लें, उन्हें ...

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परमेसर,माटी की मूरते से (Paramesar,Maatee kee mooraten rekhachitra se)

        ?माटी की मूरतें(रामवृक्ष बेनीपुरी) ? ◆ श्रीरामवृक्ष बेनीपुरी के विचार  :- ● किसी बड़ या पीपल के पेड़ के नीचे, चबूतरे पर कुछ मूरतें रखी हैं- माटी की मूरतें! ● माटी की मूरतें न इनमें कोई खूबसूरती है, न रंगीनी। ● बौद्ध या ग्रीक रोमन मूर्तियों के हम शैदाई यदि उनमें कोई दिलचस्पी न लें, उन्हें ...

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भौजी,माटी की मूरते से(bhaujee,Maatee kee mooraten rekhachitra se)

          ?माटी की मूरतें(रामवृक्ष बेनीपुरी) ? ◆ श्रीरामवृक्ष बेनीपुरी के विचार  :- ● किसी बड़ या पीपल के पेड़ के नीचे, चबूतरे पर कुछ मूरतें रखी हैं- माटी की मूरतें! ● माटी की मूरतें न इनमें कोई खूबसूरती है, न रंगीनी। ● बौद्ध या ग्रीक रोमन मूर्तियों के हम शैदाई यदि उनमें कोई दिलचस्पी न लें, ...

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बालगोबिन भगत,माटी की मूरते से(Balgobin bhagat,Maatee kee mooraten rekhachitra se)

?माटी की मूरतें(रामवृक्ष बेनीपुरी) ? ◆ श्रीरामवृक्ष बेनीपुरी के विचार  :- ● किसी बड़ या पीपल के पेड़ के नीचे, चबूतरे पर कुछ मूरतें रखी हैं- माटी की मूरतें! ● माटी की मूरतें न इनमें कोई खूबसूरती है, न रंगीनी। ● बौद्ध या ग्रीक रोमन मूर्तियों के हम शैदाई यदि उनमें कोई दिलचस्पी न लें, उन्हें देखते ही मुँह मोड़ ...

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देव, माटी की मूरते रेखाचित्र से(Dev,Maatee kee mooraten rekhachitra se)

?माटी की मूरतें(रामवृक्ष बेनीपुरी) ? ◆ श्रीरामवृक्ष बेनीपुरी के विचार  :- ● किसी बड़ या पीपल के पेड़ के नीचे, चबूतरे पर कुछ मूरतें रखी हैं- माटी की मूरतें! ● माटी की मूरतें न इनमें कोई खूबसूरती है, न रंगीनी। ● बौद्ध या ग्रीक रोमन मूर्तियों के हम शैदाई यदि उनमें कोई दिलचस्पी न लें, उन्हें देखते ही मुँह मोड़ ...

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रूपा की आजी, माटी की मूरते रेखाचित्र से(roop ki aajee,Maatee kee mooraten rekhachitra se)

?माटी की मूरतें(रामवृक्ष बेनीपुरी) ? ◆ श्रीरामवृक्ष बेनीपुरी के विचार  :- ● किसी बड़ या पीपल के पेड़ के नीचे, चबूतरे पर कुछ मूरतें रखी हैं- माटी की मूरतें! ● माटी की मूरतें न इनमें कोई खूबसूरती है, न रंगीनी। ● बौद्ध या ग्रीक रोमन मूर्तियों के हम शैदाई यदि उनमें कोई दिलचस्पी न लें, उन्हें देखते ही मुँह मोड़ ...

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मंगर, माटी की मूरते रेखाचित्र से(mangar,Maatee kee mooraten rekhachitra se)

?माटी की मूरतें(रामवृक्ष बेनीपुरी) ? ◆ श्रीरामवृक्ष बेनीपुरी के विचार  :- ● किसी बड़ या पीपल के पेड़ के नीचे, चबूतरे पर कुछ मूरतें रखी हैं- माटी की मूरतें! ● माटी की मूरतें न इनमें कोई खूबसूरती है, न रंगीनी। ● बौद्ध या ग्रीक रोमन मूर्तियों के हम शैदाई यदि उनमें कोई दिलचस्पी न लें, उन्हें देखते ही मुँह मोड़ ...

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सरजू भैया, माटी की मूरते रेखाचित्र से(Sarju Bhaiya,Maatee kee mooraten rekhachitra se))

?माटी की मूरतें(रामवृक्ष बेनीपुरी) ? ◆ श्रीरामवृक्ष बेनीपुरी के विचार  :- ● किसी बड़ या पीपल के पेड़ के नीचे, चबूतरे पर कुछ मूरतें रखी हैं- माटी की मूरतें! ● माटी की मूरतें न इनमें कोई खूबसूरती है, न रंगीनी। ● बौद्ध या ग्रीक रोमन मूर्तियों के हम शैदाई यदि उनमें कोई दिलचस्पी न लें, उन्हें देखते ही मुँह मोड़ ...

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बलदेव सिंह, माटी की मूरते रेखाचित्र से(Baldev Singh,maatee kee mooraten rekhachitra se)

                ?माटी की मूरतें(रामवृक्ष बेनीपुरी) ? ◆ श्रीरामवृक्ष बेनीपुरी के विचार  :- ● किसी बड़ या पीपल के पेड़ के नीचे, चबूतरे पर कुछ मूरतें रखी हैं- माटी की मूरतें! ● माटी की मूरतें न इनमें कोई खूबसूरती है, न रंगीनी। ● बौद्ध या ग्रीक रोमन मूर्तियों के हम शैदाई यदि उनमें कोई ...

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रजिया , माटी की मूरते रेखाचित्र से(rajiya,maatee kee mooraten rekhachitra se)

                 ?माटी की मूरतें(रामवृक्ष बेनीपुरी) ? ◆ श्रीरामवृक्ष बेनीपुरी के विचार  :- ● किसी बड़ या पीपल के पेड़ के नीचे, चबूतरे पर कुछ मूरतें रखी हैं- माटी की मूरतें! ● माटी की मूरतें न इनमें कोई खूबसूरती है, न रंगीनी। ● बौद्ध या ग्रीक रोमन मूर्तियों के हम शैदाई यदि उनमें कोई ...

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संस्कृति और सौन्दर्य निबंध(sanskriti aur saundarya nibandh)

? संस्कृति और सौंदर्य (डॉ.नामवर सिंह)? ◆  प्रकाशन :- 1982ई. ,दुसरा परंपरा की खोज संग्रह से ◆ भारतीय संस्कृति का एक अध्याय :- अशोक के फूल (निबंध, हजारीप्रसाद द्विवेदी कृति) ◆ भारतीय संस्कृति के अध्याय का अनंगलेख पढ़नेवाले हिंदी में पहले व्यक्ति हैं :-  हजारीप्रसाद द्विवेदी। ◆  पहली बार द्विवेदीजी को यह अनुभव हुआ कि ‘एक-एक फूल, एक-एक पशु, एक-एक ...

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उठ जाग मुसाफिर निबंध(uth jaag musaaphir nibandh)

? उठ जाग मुसाफिर निबंध (विवेकीराय)? ◆ प्रकाशन :- 2012 ई. उठ जाग मुसाफिर निबंध संग्रह से। ◆  पिछली बार गया तो एक सवाल खड़ा मिला, ‘आपने इतना बड़ा पुस्तकालय गाँव में खड़ा तो कर दिया पर कोई पुस्तक पढ़नेवाला नहीं रहा तो उसका क्या होगा ?’ ◆ प्रश्न सुनकर मास्टर साहब अर्थात् जगदीश बाबू का चिरपरिचित मुक्तहास बिखर गया ...

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