नेट की गद्य व पद्य रचनाए

परमेसर,माटी की मूरते से (Paramesar,Maatee kee mooraten rekhachitra se)

        ?माटी की मूरतें(रामवृक्ष बेनीपुरी) ? ◆ श्रीरामवृक्ष बेनीपुरी के विचार  :- ● किसी बड़ या पीपल के पेड़ के नीचे, चबूतरे पर कुछ मूरतें रखी हैं- माटी की मूरतें! ● माटी की मूरतें न इनमें कोई खूबसूरती है, न रंगीनी। ● बौद्ध या ग्रीक रोमन मूर्तियों के हम शैदाई यदि उनमें कोई दिलचस्पी न लें, उन्हें ...

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भौजी,माटी की मूरते से(bhaujee,Maatee kee mooraten rekhachitra se)

          ?माटी की मूरतें(रामवृक्ष बेनीपुरी) ? ◆ श्रीरामवृक्ष बेनीपुरी के विचार  :- ● किसी बड़ या पीपल के पेड़ के नीचे, चबूतरे पर कुछ मूरतें रखी हैं- माटी की मूरतें! ● माटी की मूरतें न इनमें कोई खूबसूरती है, न रंगीनी। ● बौद्ध या ग्रीक रोमन मूर्तियों के हम शैदाई यदि उनमें कोई दिलचस्पी न लें, ...

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बालगोबिन भगत,माटी की मूरते से(Balgobin bhagat,Maatee kee mooraten rekhachitra se)

?माटी की मूरतें(रामवृक्ष बेनीपुरी) ? ◆ श्रीरामवृक्ष बेनीपुरी के विचार  :- ● किसी बड़ या पीपल के पेड़ के नीचे, चबूतरे पर कुछ मूरतें रखी हैं- माटी की मूरतें! ● माटी की मूरतें न इनमें कोई खूबसूरती है, न रंगीनी। ● बौद्ध या ग्रीक रोमन मूर्तियों के हम शैदाई यदि उनमें कोई दिलचस्पी न लें, उन्हें देखते ही मुँह मोड़ ...

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देव, माटी की मूरते रेखाचित्र से(Dev,Maatee kee mooraten rekhachitra se)

?माटी की मूरतें(रामवृक्ष बेनीपुरी) ? ◆ श्रीरामवृक्ष बेनीपुरी के विचार  :- ● किसी बड़ या पीपल के पेड़ के नीचे, चबूतरे पर कुछ मूरतें रखी हैं- माटी की मूरतें! ● माटी की मूरतें न इनमें कोई खूबसूरती है, न रंगीनी। ● बौद्ध या ग्रीक रोमन मूर्तियों के हम शैदाई यदि उनमें कोई दिलचस्पी न लें, उन्हें देखते ही मुँह मोड़ ...

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रूपा की आजी, माटी की मूरते रेखाचित्र से(roop ki aajee,Maatee kee mooraten rekhachitra se)

?माटी की मूरतें(रामवृक्ष बेनीपुरी) ? ◆ श्रीरामवृक्ष बेनीपुरी के विचार  :- ● किसी बड़ या पीपल के पेड़ के नीचे, चबूतरे पर कुछ मूरतें रखी हैं- माटी की मूरतें! ● माटी की मूरतें न इनमें कोई खूबसूरती है, न रंगीनी। ● बौद्ध या ग्रीक रोमन मूर्तियों के हम शैदाई यदि उनमें कोई दिलचस्पी न लें, उन्हें देखते ही मुँह मोड़ ...

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मंगर, माटी की मूरते रेखाचित्र से(mangar,Maatee kee mooraten rekhachitra se)

?माटी की मूरतें(रामवृक्ष बेनीपुरी) ? ◆ श्रीरामवृक्ष बेनीपुरी के विचार  :- ● किसी बड़ या पीपल के पेड़ के नीचे, चबूतरे पर कुछ मूरतें रखी हैं- माटी की मूरतें! ● माटी की मूरतें न इनमें कोई खूबसूरती है, न रंगीनी। ● बौद्ध या ग्रीक रोमन मूर्तियों के हम शैदाई यदि उनमें कोई दिलचस्पी न लें, उन्हें देखते ही मुँह मोड़ ...

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सरजू भैया, माटी की मूरते रेखाचित्र से(Sarju Bhaiya,Maatee kee mooraten rekhachitra se))

?माटी की मूरतें(रामवृक्ष बेनीपुरी) ? ◆ श्रीरामवृक्ष बेनीपुरी के विचार  :- ● किसी बड़ या पीपल के पेड़ के नीचे, चबूतरे पर कुछ मूरतें रखी हैं- माटी की मूरतें! ● माटी की मूरतें न इनमें कोई खूबसूरती है, न रंगीनी। ● बौद्ध या ग्रीक रोमन मूर्तियों के हम शैदाई यदि उनमें कोई दिलचस्पी न लें, उन्हें देखते ही मुँह मोड़ ...

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बलदेव सिंह, माटी की मूरते रेखाचित्र से(Baldev Singh,maatee kee mooraten rekhachitra se)

                ?माटी की मूरतें(रामवृक्ष बेनीपुरी) ? ◆ श्रीरामवृक्ष बेनीपुरी के विचार  :- ● किसी बड़ या पीपल के पेड़ के नीचे, चबूतरे पर कुछ मूरतें रखी हैं- माटी की मूरतें! ● माटी की मूरतें न इनमें कोई खूबसूरती है, न रंगीनी। ● बौद्ध या ग्रीक रोमन मूर्तियों के हम शैदाई यदि उनमें कोई ...

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रजिया , माटी की मूरते रेखाचित्र से(rajiya,maatee kee mooraten rekhachitra se)

                 ?माटी की मूरतें(रामवृक्ष बेनीपुरी) ? ◆ श्रीरामवृक्ष बेनीपुरी के विचार  :- ● किसी बड़ या पीपल के पेड़ के नीचे, चबूतरे पर कुछ मूरतें रखी हैं- माटी की मूरतें! ● माटी की मूरतें न इनमें कोई खूबसूरती है, न रंगीनी। ● बौद्ध या ग्रीक रोमन मूर्तियों के हम शैदाई यदि उनमें कोई ...

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संस्कृति और सौन्दर्य निबंध(sanskriti aur saundarya nibandh)

? संस्कृति और सौंदर्य (डॉ.नामवर सिंह)? ◆  प्रकाशन :- 1982ई. ,दुसरा परंपरा की खोज संग्रह से ◆ भारतीय संस्कृति का एक अध्याय :- अशोक के फूल (निबंध, हजारीप्रसाद द्विवेदी कृति) ◆ भारतीय संस्कृति के अध्याय का अनंगलेख पढ़नेवाले हिंदी में पहले व्यक्ति हैं :-  हजारीप्रसाद द्विवेदी। ◆  पहली बार द्विवेदीजी को यह अनुभव हुआ कि ‘एक-एक फूल, एक-एक पशु, एक-एक ...

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उठ जाग मुसाफिर निबंध(uth jaag musaaphir nibandh)

? उठ जाग मुसाफिर निबंध (विवेकीराय)? ◆ प्रकाशन :- 2012 ई. उठ जाग मुसाफिर निबंध संग्रह से। ◆  पिछली बार गया तो एक सवाल खड़ा मिला, ‘आपने इतना बड़ा पुस्तकालय गाँव में खड़ा तो कर दिया पर कोई पुस्तक पढ़नेवाला नहीं रहा तो उसका क्या होगा ?’ ◆ प्रश्न सुनकर मास्टर साहब अर्थात् जगदीश बाबू का चिरपरिचित मुक्तहास बिखर गया ...

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उत्तरी फाल्गुनी के आस – पास निबंध (uttara phalguni ke aas paas nibandh)

?उत्तराफाल्गुनी के आसपास(कुबेरनाथ राय) ? ◆  ललित निबंध ◆ वर्षा ऋतु की अंतिम नक्षत्र है :-  उत्तराफाल्गुनी। ◆ हमारे जीवन में गदह-पचीसी सावन- मनभावन है, बड़ी मौज रहती है। * गदह-पचीसी का अर्थ :- गधा-पचीसी * गधा-पचीसी का अर्थ :-अज्ञानता की स्थिति, बेसिर पैर की बातें करना, अर्थहीन बातें करना। ◆ 27 वे साल में आते ही :-  घनघोर भाद्रपद ...

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मजदूरी और प्रेम निबंध(majduri aur prem nibandh)

         ? मजदूरी और प्रेम (सरदार पूर्ण सिंह) ?  1. हल चलाने वाले का जीवन 2. गड़रिये का जीवन 3. मजदूर की मजदूरी 4. प्रेम-मजदूरी 5. मजदूरी और कला 6. मजदूरी और फकीरी 7. समाज का पालन करने वाली दूध की धारा 8. पश्चिमी सभ्यता का एक नया आदर्श ?? 1. हल चलाने वाले का जीवन ? ...

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मेरे राम का मुकुट भीग रहा है निबंध(mere ram ka mukut bheeg raha hai niband)

        ? मेरे राम का मुकुट भीग रहा है ? ◆ ललित निबंधकार  :-  विद्यानिवास मिश्र ◆  प्रकाशन :- 1974 ई. ◆ ललित निबंध ◆ आकाश के नीचे भी खुलकर सांस लेने की जगह की कमी, जिस काम में लगकर मुक्ति पाना चाहता हूं। ◆ दिन ऐसे बीतते हैं, जैसे भूतों के सपनों की एक रील पर दूसरी रील चढ़ा ...

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शिवमूर्ति निबंध(Shivmurti nibandh) प्रतापनारायण मिश्र

                ?‘शिव मूर्ति’निबंध  ?                 【प्रतापनारायण मिश्र 】 ◆  ग्रामदेव :-  भगवान भूतनाथ ( अकथ्य ,अप्रतर्क्य एवं अचिन्त्य) ◆ भगवान भूतनाथ की सभी बातें सत्य हैं, अतः उनके विषय में जो कुछ कहा जाये सब सत्य है मनुष्य की भांति वे नाड़ी आदि बंधन से बद्ध नहीं हैं। ◆ भगवान भूतनाथ निराकार और प्रेम दृष्टि से हृदय मन्दिर में उनका ...

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